Valedictory of teaching practice session

शिक्षक स्कूली व्यवस्थाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा: डॉ. ढींडसा।
जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के छात्र अध्यापकों का शिक्षण अभ्यास सत्र का समापन।

सिरसा 2 मई, 2024 : जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित शिक्षण महाविद्यालय‚ सिरसा में प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी बी.एड. सामान्य के छात्र-अध्यापकों का विभिन्न विद्यालयों गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल सिरसा, द सिरसा स्कूल सिरसा , राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, वैदवाला व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सिकंदरपुर में समापन हुआ। जिसमें छात्र-अध्यापकों ने स्कूली छात्र-छात्राओं को पढ़ाकर शिक्षण के गुर सीखे। इस मौके पर स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ-साथ छात्र-अध्यापक एवं अध्यापिकाओं ने भी अपनी रंगा रंग प्रस्तुति दी। इनl समापन कार्यक्रमों में बतौर मुख्यातिथि जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश उपस्थित हुए और अध्यक्षता श्रीमती नीलम और शशि रानी द्वारा की गई।

जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने भावी–अध्यापकों को आशीर्वाद व शुभकामनाएं देते हुए एक शिक्षक के रूप में अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि शिक्षक स्कूली व्यवस्थाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है अतः इस बदलते हुए शैक्षिक परिदृश्य में यह आवश्यक हो जाता है कि एक शिक्षक इस समय को आत्मसात कर शिक्षण व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बनें। डॉ. ढींडसा ने कहा कि शिक्षक बच्चों को प्रश्न पूछने और स्वयं काम करने का तरीका जानने के लिए जगह देकर उनकी समस्या-समाधान कौशल का समर्थन करें। बच्चों में ज्ञान की समझ विकसित करने, कक्षा कक्ष प्रबंधन, प्रभावी छात्र शिक्षक संवाद, एवं निर्देशों की उत्तमता; संरचित अध्यापन एवं सीखने पर ज़ोर देने वाली गतिविधियों के दृष्टिकोण से इन कार्यविधियों का सर्वाधिक महत्व है।

प्राचार्य डॉ. जय प्रकाश ने कहा कि हमारा उद्देश्य हमारे विद्यार्थियों को बेहतर ज्ञान के साथ साथ उन्हें बेहतर सीखने हेतु सदैव प्रयास करते रहते हैं, जिसमें यह शिक्षण अभ्यास भी एक अह्म प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से भावी शिक्षकों को शिक्षण के गुर सीखने को मिलते हैं जो आगे चलकर इन्हें काफी लाभ प्रदान करते हैं। शिक्षण अभ्यास का मुख्य उद्देश्य छात्र शिक्षकों के बीच रचनात्मकता को विकसित करने के साथ-साथ शिक्षण सीखने की प्रक्रिया में शिक्षण सहायता सामग्री के महत्व के बारे में जागरूक करना था। गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा के विचार को साकार रूप देने के लिए ऐसे शैक्षिक कार्यक्रम एवं अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है जो शिक्षकों में बच्चों की समझ‚ शिक्षा की समझ‚ समस्याओं को पहचानने तथा विभिन्न समकालीन चुनौतियों पर चिंतन कर उन पर विजय प्राप्त कर सकने में मदद कर सके। उन्होंने सभी स्कूलों के मुख्याध्यापकों एवं प्रशासन का आभार प्रकट किया क्योंकि उनके सहयोग से ही इस शिक्षण अभ्यास को करवाया जा सका है।

श्रीमती नीलम और शशि रानी ने विद्यार्थियों को कहा कि अपने सपनों को पाने के लिए मेहनत करो और कभी निराश न हो । आप जो चाहते हैं, उसे हासिल कर सकते हैं। इस अवसर पर विजेता स्कूल विद्यार्थियों और छात्र अध्यापकों को प्प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया । मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यगण एवं अध्यापकगण एवं समस्त स्टाफ सदस्य व विद्यार्थीगण भी मौजूद रहे।

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