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Essay writing competition on the occasion of National Army Day | JCD PG College of Education

Essay writing competition on the occasion of National Army Day

जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में भारतीय सेना दिवस पर निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित।
थल सेना के साहस, वीरता, शौर्य और कुर्बानियों को आज भी याद करता है पूरा देश : प्रोफेसर ढींडसा

सिरसा 15 जनवरी 2024: जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में 76वें भारतीय सेना दिवस के उपलक्ष्य में कालेज की एनएसएस यूनिट द्वारा एक निबन्ध लेखन प्रतियोगिता कराई गई। जिसमें मुख्य अतिथि जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप ढींडसा थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य डॉक्टर जयप्रकाश द्वारा की गई । इस अवसर पर डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि यह दिन हमारे सैनिकों के बलिदान और राष्ट्र की रक्षा के लिए उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान करने का अवसर है। उन्होनें कहा कि इंडियन आर्मी यानी हमारी भारतीय सेना, जिनके वीरता की जितनी तारीफ की जाए कम है। इतिहास के पन्नों को पलटने पर हमें इन जवानों के शौर्य और वीरता की अनगिनत कहानियां सुनने को मिलती हैं। हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस विशेष तौर पर हमारे भारतीय रणबांकुरों के लिए ही मनाया जाता है।

डॉ. ढींडसा ने कहा कि इंडियन आर्मी यानी हमारी भारतीय सेना जब देश गुलाम था तब ही बन गई थी। भारतीय सेना की शुरुआता 1 अप्रैल 1895 में हुई थी। लेकिन तब हम अंग्रेजों के गुलाम थे। भारतीय सेना की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना से हुई थी, जिसे बाद में ‘ब्रिटिश भारतीय सेना’ के नाम से जाना गया।

आखिरकार, स्वतंत्रता के बाद, इसे राष्ट्रीय सेना के रूप में जाना जाने लगा। भारत ने लगभग 200 साल के ब्रिटिश शासन के बाद 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की थी। उस समय देश सांप्रदायिक दंगों से गुजर रहा था, शरणार्थी पाकिस्तान से आ रहे थे और कुछ लोग पाकिस्तान की ओर पलायन कर रहे थे। इस तरह के अराजकतापूर्ण माहौल के कारण कई प्रशासनिक समस्याएं उभरने लगीं। आजादी के बाद स्वतंत्र भारत का निर्माण करते समय, यह बेहद जरूरी था कि देश की रक्षा का दायित्व उसी के वीर सपूतों को सौंपा जाए। यही वजह थी कि 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा भारत के पहले स्वतंत्र सेना प्रमुख बने। उस समय तक भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर के हाथों में थी। लेकिन स्वतंत्रता के साथ ही यह जरूरी हो गया था कि सेना का नेतृत्व अपने ही वीर हथिया लें। इसलिए इस ऐतिहासिक क्षण को सम्मानित करने और भारतीय सेना के जज्बे को सलाम करने के लिए हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।

प्राचार्य डॉ जयप्रकाश ने कहा कि सेना दिवस सभी सेना कमान मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन भारतीय सेना के उन सैनिकों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की और भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल कायम की। सलामी उन सभी बहादुर सेनानियों को दी जाती है जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा और राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया है।

निर्णायक मंडल में डॉ. कंवलजीत कौर और डॉ. निशा द्वारा निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान बीएड प्रथम वर्ष के छात्र अमनदीप कंबोज को दिया गया और द्वितीय स्थान छात्रा निशा को तथा तृतीय स्थान प्रथम वर्ष के को छात्रा आंचल को दिया गया तथा चतुर्थ स्थान बीएड स्पेशल के छात्र राहुल को दिया गया। यह प्रोग्राम कॉलेज के एनएसएस यूनिट द्वारा एनएसएस ऑफिसर डॉक्टर सतनारायण की देखरेख में करवाया गया।सभी विजेता विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि तथा प्राचार्य डॉक्टर जयप्रकाश द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के सभी स्टाफ सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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