Basant Panchami (4)

Basant Panchami and National Voters’ Day Celebration

जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में राष्ट्रीय मतदाता दिवस व बसंत पंचमी धूमधाम से मनाया गया।

सिरसा 25, जनवरी 2023 : जननायक चौ. देवीलाल शिक्षण महाविद्यालय, सिरसा में राष्ट्रीय मतदाता दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.जयप्रकाश द्वारा की गई। इस कार्यक्रम में प्राचार्य के इलावा प्राध्यापकगण एवं सभी विद्यार्थियों बढ़ चढ़ कर भाग लिया। सर्वप्रथम प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने गणतंत्र दिवस व बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस  का मनाने का मुख्य कारण है कि लोगो को मतदान का महत्व बताया जाएं ताकि लोग इसके प्रति जागरूक हो और सही उम्मीदवार का चयन करें।

भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रत्येक चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। उन्होंने बसंत पंचमी के महत्व के बारे में संबोधित करते हुए बताया कि  बसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती का जन्‍म हुआ था और इसलिए इस दिन को विद्या की देवी मां सरस्‍वती की जयंती के रूप में मनाया जाता है. जिस प्रकार धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए दिवाली महत्वपूर्ण है, शक्ति और वीरता की देवी दुर्गा की पूजा के लिए नवरात्रि महत्वपूर्ण है.

विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा के संदेश को पढ़ते हुए डॉ. जयप्रकाश ने कहा कि इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विषय ‘नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर’ (वोटिंग बेमिसाल है, मैं अवश्य वोट देता हूं) मतदाताओं को समर्पित है जो वोट की शक्ति के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी के प्रति व्यक्ति की भावना और आकांक्षा को व्यक्त करता है। प्रत्येक मतदाता को अपने मतदान के अधिकार को महत्व देना चाहिए और यह महसूस करना चाहिए कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदाता होना एक सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि एक सफल लोकतंत्र की नींव मजबूत चुनावी प्रक्रियाओं पर निर्भर है। उन्होंने कहा  कि मां सरस्वती का प्रिय रंग पीला है। इसलिए, उनकी मूर्तियों को उनके सम्मान में पारंपरिक पीले वस्त्र, सामान और फूल पहनाए जाते हैं। लोग बसंत पंचमी पर पीले कपड़े पहने हुए सरस्वती पूजा मनाते हैं और इसमें शामिल होते हैं।

 इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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