World Syndrome Day celebrated at JCD Education College

जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में मनाया गया विश्व सिंड्रोम दिवस
डाउन सिंड्रोम सीखने की अक्षमता का बनता है कारण: डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा

सिरसा, 30 मार्च 2023: जननायक चौ. देवीलाल शिक्षण महाविद्यालय, सिरसा में विश्व सिंड्रोम दिवस विशेष बच्चों के साथ धूम धाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने की। विशेष शिक्षा के प्रभारी मि. मदन लाल ने आएं हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस प्रतिवर्ष मार्च माह में मनाया जाता है। इस दिवस को प्रतिवर्ष डाउन सिंड्रोम से जूझ रहे लोगों के लिए मनाया जाता है। साथ ही इस सिंड्रोम के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है। इस दिवस को प्रतिवर्ष तीसरे महीने में मनाया जाता है।

जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा ने कहा कि यह दिवस डाउन सिंड्रोम के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके बारे में जानकारी बढ़ाने का एक मौका प्रदान करता है। यह दिन डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों के साथ सम्मान और गौरव के साथ व्यवहार करने और उन्हें समाज में शामिल करने के महत्व को उजागर करता है।

उन्होंने कहा कि डाउन सिंड्रोम सीखने की अक्षमता के कुछ स्तर का कारण बनता है । डाउन सिंड्रोम वाले लोगों में अन्य स्वास्थ्य स्थितियां होने की संभावना अधिक हो सकती है, जैसे कि हृदय की स्थिति और पाचन तंत्र, सुनने और देखने में समस्या। कभी-कभी ये गंभीर हो सकते हैं, लेकिन कई का इलाज किया जा सकता है।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने विद्यार्थियों संबोधित करते हुए कहा कि डाउन सिंड्रोम एक तरह का विकार है जो मनुष्य में पाया जाता है। ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति में एक अतिरिक्त गुणसूत्र होता है। डाउन सिंड्रोम को ट्राइसॉमी 21 भी कहा जाता है। ये 21वें क्रोमोसोम के ट्रिप्लीकेशन की विशिष्टता को दर्शाने का कार्य करता है और ये ही डाउन सिंड्रोम का कारण भी है। गुणसूत्र शरीर में जीनों के पैकेज होते हैं, जो ये निर्धारित करते हैं कि शरीर का विकास कैसे होगा और वो कैसे कार्य करेगा। यही गुणसूत्र की अतिरिक्ता डाउन सिंड्रोम है। उन्होंने कहा कि डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे बौद्धिक स्तर सामान्य बच्चों की तुलना में काफी कम होता है। डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे की नाक सामान्य रूप से चपटी, ऊपर की ओर झुकी हुई आंखें, छोटी गर्दन और छोटे कान, मुंह से बाहर निकलती रहने वाली जीभ, चौड़े हाथ, अपेक्षाकृत छोटी अंगुलियां और छोटे हाथ-पैर, छोटा कद होता है।

इस अवसर पर अनेक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा रैली निकालकर सिंड्रोम के बारे में जानकारी देकर संदेश दिया । इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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