Valedictory-Teaching Practice (6)

Valedictory of Teaching Practice 2023

जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के छात्र अध्यापकों के शिक्षण अभ्यास का विधिवत रूप से समापन।
शिक्षण कौशल के माध्यम से छात्र अध्यापकों में बढ़ता है आत्मविश्वास,: प्रोफेसर ढींडसा

सिरसा 1 मई, 2023 जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित शिक्षण महाविद्यालय‚ सिरसा में प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी बी.एड. सामान्य एवं स्पैशल के छात्र-अध्यापकों का विभिन्न विद्यालयों में चल रहे शिक्षण-अभ्यास कार्यक्रम का विधिवत् रूप से सिरसा जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पनिहारी, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सिरसा, श्रीराम न्यू सतलुज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सिरसा, दी सिरसा स्कूल सिरसा में समापन हुआ। जिसमें छात्र-अध्यापकों ने स्कूली छात्र-छात्राओं को पढ़ाकर शिक्षण के गुर सीखे। इस मौके पर स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ-साथ छात्र-अध्यापक एवं अध्यापिकाओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। इन सभी स्कूलों में समापन कार्यक्रमों में बतौर मुख्यातिथि जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता गवर्नमेंट हाई स्कूल सिकंदरपुर के मास्टर श्री रामदेव जी और गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल के हेड टीचर श्री मॉल वर्तन सिंह ,शिक्षाविद् श्रीमती शशि सचदेवा, श्रीराम न्यू सतलुज स्कूल की उप-प्राचार्य श्रीमती रीना द्वारा की गई। इस अवसर पर एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुषमा हुडा, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ कंवलजीत कौर, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ निशा एवं असिस्टेंट प्रोफेसर मिस्टर बलविंदर उपस्थित रहे।

प्राचार्य डॉ. जय प्रकाश ने कहा कि हमारा उद्देश्य हमारे विद्यार्थियों को बेहतर ज्ञान के साथ साथ उन्हें बेहतर सीखने हेतु सदैव प्रयास करते रहते हैं, जिसमें यह शिक्षण अभ्यास भी एक अह्म प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से भावी शिक्षकों को शिक्षण के गुर सीखने को मिलते हैं जो आगे चलकर इन्हें काफी लाभ प्रदान करते हैं। शिक्षण अभ्यास का मुख्य उद्देश्य छात्र शिक्षकों के बीच रचनात्मकता को विकसित करने के साथ-साथ शिक्षण सीखने की प्रक्रिया में शिक्षण सहायता सामग्री के महत्व के बारे में जागरूक करना था। गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा के विचार को साकार रूप देने के लिए ऐसे शैक्षिक कार्यक्रम एवं अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है जो शिक्षकों में बच्चों की समझ‚ शिक्षा की समझ‚ समस्याओं को पहचानने तथा विभिन्न समकालीन चुनौतियों पर चिंतन कर उन पर विजय प्राप्त कर सकने में मदद कर सके। उन्होंने सभी स्कूलों के मुख्याध्यापकों एवं प्रशासन का आभार प्रकट किया क्योंकि उनके सहयोग से ही इस शिक्षण अभ्यास को करवाया जा सका है।

विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने भावी–अध्यापकों को आशीर्वाद व शुभकामनाएं देते हुए एक शिक्षक के रूप में अपने अनुभव को साझा करते हुए अपने संदेश में कहा कि शिक्षक स्कूली व्यवस्थाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है अतः इस बदलते हुए शैक्षिक परिदृश्य में यह आवश्यक हो जाता है कि एक शिक्षक इस समय को आत्मसात कर शिक्षण व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बनें। डॉ. ढींडसा ने कहा कि शिक्षक की सीख या प्रशिक्षण एक सतत कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है जो शिक्षक के शिक्षण कौशल, मास्टर नॉवेल नॉलेज को बढ़ावा देती है; बेहतर या नई प्रवीणता विकसित करें, जो बदले में छात्र की शिक्षा में सुधार करने में सहायता करता है। बच्चों में ज्ञान की समझ विकसित करने, कक्षा कक्ष प्रबंधन, प्रभावी छात्र शिक्षक संवाद, एवं निर्देशों की उत्तमता; संरचित अध्यापन एवं सीखने पर ज़ोर देने वाली गतिविधियों के दृष्टिकोण से इन कार्यविधियों का सर्वाधिक महत्व है। इसके लिए छात्रों एवं अध्यापकों की कक्षा-कक्ष में नियमित उपस्थिति आवश्यक है। कार्यक्रम के अन्त में श्रीराम न्यू सतलुज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से सर्वश्रेष्ठ छात्र -अध्यापक का पुरस्कार छात्रा शीतल को राजकीय उच्च विद्यालय सिकंदरपुर से सर्वश्रेष्ठ शिक्षण फ़ाइल में रितु हांडा , सर्वश्रेष्ठ चाक बोर्ड लेखन कार्य में कविता, विज्ञान शिक्षण में सर्वश्रेष्ठ शिक्षण काजल कंबोज, ऑल ओवर बेस्ट टीचर में मनप्रीत कौर एवं टीएलएम प्रदर्शनी के परिणाम में प्रथम तानिया मेहता, द्वितीय नेहा और तमन्ना, तृतीय रानी और कुलविंदर ने प्राप्त किया। इस अवसर पर एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यगण एवं अध्यापकगण एवं समस्त स्टाफ सदस्य व विद्यार्थीगण भी मौजूद रहे।

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