Lectures on Yoga Practice and Awareness to reduce stress in daily life

जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित शिक्षण महाविद्यालय में “दैनिक जीवन में तनाव को कम करने के लिए योग अभ्यास और जागरूकता” विषय पर व्याख्यान का आय¨जन किया गया जिसमें बतौर मुख्यातिथि जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा ने शिरकत की वहीं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ.जयप्रकाश द्वारा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चरणों में द्वीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।

योगा इंस्टीट्यूट योगा मित्र‚ सिरसा के योग ट्रेनर मुकेश कुमार व निशा ने दैनिक जीवन में तनाव को कम करने के लिए योग अभ्यास और जागरूकता विषय पर व्याख्यान दिया।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ.जयप्रकाश आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि तनाव को कम करने के लिए योग आसन बहुत ही लाभदायक होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी जीवन में कभी ना कभी तनाव का सामना करता है आज अनुमानित 80 से 90 प्रतिशत लोग तनाव संबंधित समस्या से परेशान है। योग‚ ध्यान और मस्तिष्क को तनाव से निपटने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में सक्षम होने के लिए प्रशिक्षित करते हैं व्यायाम तनाव को दूर करने के लिए एक बहुत ही उपयोगी तरीका है, यह आत्म-करुणा और जागरूकता के अंतर्निहित दर्शन के साथ शारीरिक रूप से दोनों को जोड़ती है।

योग ट्रेनर मुकेश कुमार ने सम्बोधित करते हुए कहा कि नियमित योग करने वाले व्यक्तियों के लिए योग एक बहुत ही अच्छा अभ्यास है। यह स्वस्थ जीवन शैली तथा बेहतर जीवन जीने में हमारी काफी सहायता करता है। योग वह क्रिया है‚ जिसके अन्तर्गत शरीर के विभिन्न भागों को एक साथ लाकर शरीर‚ मस्तिष्क और आत्मा को सन्तुलित करने का कार्य किया जाता है। पहले समय में योग का अभ्यास ध्यान की क्रिया के साथ किया जाता था। योग सांस लेने के अभ्यास और शारीरिक क्रियाओं का जोड़ है। योग व्यवस्थित‚ वैज्ञानिक और परिणाम दोनों शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के सुधारों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। योग कला की उत्पत्ति प्रचीन भारत में हुई थी। पहले के समय में बौद्ध तथा हिन्दू धर्म से जुड़े लोग योग और ध्यान का प्रयोग करते थे। योग कई प्रकार के होते हैं जैसे- राज योग‚ जन योग‚ भक्ति योग‚ कर्म योग‚ हस्त योग। आमतौर पर हस्त योग के अन्तर्गत बहुत से आसनों का भारत में अभ्यास किया जाता है।

योग ट्रेनर निशा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे देश भारत में भी योग अब बहुत प्रचलित हो गया है। योग करके हम अपने शरीर की अनेक बीमारियों को दूर कर सकते है।यह बीमारियाँ ही नहीं ठीक करता बल्कि यादाश्त‚ अवसाद‚ चिंता‚ डिप्रेशन‚ मोटापा‚ मनोविकारों को भी दूर भगाता है। योग से अनेक लाभ भी है। शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ाने का योग से अच्छा कोई और तरीका नहीं हो सकता है। योग की उत्पत्ति प्राचीन समय में योगियों द्वारा भारत में की गई थी। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द से हुई है‚ जिसके दो अर्थ हैं। एक अर्थ है जोड़ना और दूसरा अर्थ है अनुशासन। योग का अभ्यास हमें शरीर और मस्तिष्क के जुड़ाव द्वारा शरीर और मस्तिष्क के अनुशासन को सिखाता है। यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है‚ जो शरीर और मस्तिष्क के संतुलन के साथ ही प्रकृति के करीब आने के लिए ध्यान के माध्यम से किया जाता है।

मुख्यातिथि डॉ.शमीम शर्मा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि योग के सभी आसनों से लाभ प्राप्त करने के लिए सुरक्षित और नियमित अभ्यास की आवश्यकता है। योग का अभ्यास आन्तरिक ऊर्जा को नियंत्रित करने के द्वारा शरीर और मस्तिष्क में आत्म-विकास के माध्यम से आत्मिक प्रगति को लाना है। योग के दौरान श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन लेना और छोड़ना सबसे मुख्य वस्तु है। 

दैनिक जीवन में योग का अभ्यास करना हमें बहुत सी बीमारियों से बचाने के साथ ही कई सारी भयानक बीमारियों जैसे- कैंसर‚ मधुमेह‚ डायबिटीज‚ उच्च व निम्न रक्त दाब‚ हृदय रोग‚ किडनी का खराब होना‚ लीवर का खराब होना‚ गले की समस्याओं तथा अन्य बहुत सी मानसिक बीमारियों से भी हमारी रक्षा करता है।

इस अवसर पर जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के शिक्षक एवं गैर शिक्षक सदस्यों सहित समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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