Hawan_JCD_Education (3)

New session of JCD Education College inaugurated with Hawan Ceremony

मंत्रोच्चारण एवं हवन में आहुति के साथ हुआ जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के नवीन सत्र का शुभारंभ
आत्मविश्वास से लड़े संघर्ष के बाद जीत निश्चित है- डॉ.शमीम शर्मा

सिरसा 13 फरवरी, 2021: जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित शिक्षण महाविद्यालय के नए सत्र का शुभारंभ हवन यज्ञ के साथ हुआ, जिसमें जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा ने मुख्य यजमान की भूमिका निभाते हुए बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। वहीं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश द्वारा की गई। इस अवसर पर सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य , डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता, डॉ. अनुपमा सेतिया, डॉ. शिखा गोयल, जेसीडी डेंटल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. राजेश्वर चावला, जेसीडी विद्यापीठ के रजिस्ट्रार सुधांशु गुप्ता के अलावा अन्य अधिकारीगण व अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी हवन-यज्ञ में अपने कर-कमलों द्वारा आहुति डालकर शुभफल की कामना की।

इस शुभ अवसर पर सर्वप्रथम शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जयप्रकाश ने मुख्य अतिथि डॉ.शमीम शर्मा एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया तथा नए विद्यार्थियों को जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा से परिचित करवाया। उन्होंने अपने संबोधन में हवन की महत्ता को स्पष्ट करते हुए कहा कि हवन-यज्ञ को धार्मिक एवं वैज्ञानिक दोनों कारणों से ही महत्वपूर्ण माना जाता है और अगर किसी कार्य की शुरूआत इस पावन कार्य से की जाए तो वह शुभ फलदायी होता है। उन्होंने साईंस के साथ इस हवन-यज्ञ को जोड़ते हुए कहा कि जहां एक ओर हवन से मानसिक शांति प्राप्त होती है वहीं उसका धुंआ सम्पूर्ण वातावरण को स्वच्छ करता है क्योंकि हवन में डाली जाने वाली सामग्री में अनेक ऐसी औषधियां निहित होती है जो वातावरण के लिए अच्छी होती है। । उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य का प्रारंभ अगर हवन यज्ञ से करने की पौराणिक परम्परा के अनुसार ही आज कॉलेज द्वारा पहला पड़ाव पार कर लिया गया है तथा आज से विद्यार्थियों की सुचारू कक्षाएं प्रारंभ हो गई हैं।

इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा ने सभी को अपने संबोधन में कहा कि जेसीडी विद्यापीठ के सभी संस्थान अनुशासित, संस्कारित एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए वचनबद्ध हैं और इसमें वे खरे भी उतर रहे हैं तथा हवन यज्ञ भी उन्हीं संस्कारों में निहित एक परम्परा है, जिससे किसी भी कार्य का शुभारंभ सदैव शुभ फलदायी साबित होता है। उन्होंने सभी नए विद्यार्थियों से यह आह्वान किया कि जिस प्रकार विद्यापीठ में पूर्ववत् अनुशासन, संस्कारित शिक्षा एवं स्वच्छ वातावरण कायम है उसे आप लोग भी बखूबी कायम रखेंगे और नियमों का पालन करते हुए नियमित कक्षाएं लगाएंगे ताकि आपको बेहतर शिक्षा प्राप्ति में कोई परेशानी ना हो। उन्होंने कहा कि संघर्ष कितना भी बड़ा क्यों न हो …. आत्मविश्वास से लड़े गए संघर्ष के बाद जीत निश्चित है और जीत एक गर्व की बात है। वर्तमान समय में अगर हमें कुछ पाना है, किसी भी क्षेत्र में कुछ करके दिखाना है, जीवन को खुशी से जीना है, तो इन सबके लिए आत्मविश्वास का होना परम आवश्यक है। आत्मविश्वास में वह शक्ति है जिसके माध्यम से हम कुछ भी कर सकते है। आत्मविश्वास से हमारी संकल्प शक्ति बढ़ती है और संकल्प शक्ति से बढ़ती है हमारी आत्मिक शक्ति। अध्यापक केवल व्यक्ति का मार्गदर्शन ही नहीं करता बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के भाग्य का निर्माण करता है।अतः अध्यापकों को समाज के प्रति अपने विशिष्ट कर्तव्य को पहचानना चाहिए। एक अच्छे शिक्षक में नेतृत्व शक्ति भी होनी चाहिए। उसे अपने विद्यार्थियों को प्रत्येक क्षेत्र, शिक्षक अधिगम, पाठ्य सहगामी प्रक्रिया, किसी विषय में विचार-विमर्श अनुशासन बनाए रखने आदि में कुशल एवं प्रभावशाली नेतृत्व प्रदान करना चाहिए। जिससे विद्यार्थी इन सभी क्षेत्रों में सफलता पूर्वक कार्य कर सकें।

इस मौके पर सभी नए विद्यार्थीयों सहित अन्य महाविद्यालयों के प्राचार्यों, जेसीडी विद्यापीठ के रजिस्ट्रार सहित अनेक अधिकारियों व स्टाफ सदस्यों तथा अतिथियों के साथ हवन यज्ञ में आहुति डालकर मंगलमय भविष्य एवं शैक्षिक प्रगति की कामना की।

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