World Malaria Day was celebrated at JCD Education College

जेसीडी एजुकेशन कॉलेज में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया।

सिरसा 27 अप्रैल, 2022: जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ,सिरसा में गत दिवस विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय, सिरसा यूथ रेड क्रॉस यूनिट द्वारा कॉलेज के सभागार कक्ष में ‘मलेरिया कैसे फैलता है तथा इसकी रोकथाम के उपाय ‘ विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस उपलक्ष में जे.सी.डी.डेंटल कॉलेज के प्रो. (डॉ.) जगदीश वर्मा, हेड ऑफ डिपार्टमेंट (पैथोलॉजी) ने विस्तार व्याख्यान के माध्यम से बी.एड. और एम.एड. के विद्यार्थियों को मलेरिया के फैलने के कारण, इसका इलाज और इससे बचने के उपाय के बारे में बताया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज प्राचार्य डॉ जयप्रकाश द्वारा की गई।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) जगदीश वर्मा का स्वागत करते हुए कहा कि मलेरिया मादा मच्छर एनोफिलीज के काटने से होता है। इस मच्छर में प्लैज्मोडियम नामक जीवाणु पाया जाता है। इंसान के शरीर में ये परजीवी लीवर में जाकर अपनी संख्या बढ़ाते हैं और फिर लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं। इसके काटने पर व्यक्ति मलेरिया से पीड़ित हो जाता है। सबसे ज्यादा फैल्सीपैरम मलेरिया का जोखिम होता है, जो इंसानों के लिए सबसे खतरनाक किस्म का मलेरिया है।

जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा ने अपने संदेश के माध्यम से कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से बच्चों व समाज में जागरूकता आती है। उन्होंने कहा कि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को यदि सही समय पर उचित इलाज तथा चिकित्सकीय सहायता ना मिले तो यह जानलेवा सिद्ध हो सकती है। मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो हजारों वर्षों से मनुष्य को अपना शिकार बनाती आई है। विश्व की स्वास्थ्य समस्याओं में मलेरिया अभी भी एक गंभीर चुनौती है। पिछले दो दशकों में हुए तीव्र वैज्ञानिक विकास और मलेरिया के उन्मूलन के लिए चलाए गए वैश्विक कार्यक्रमों के बावजूद इस जानलेवा बीमारी के आंकड़ों में कमी तो आई है, लेकिन अभी भी इस पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जा सका है।

प्रो. डॉ. जगदीश वर्मा ने विस्तार व्याख्यान में सम्बोधित करते हुए कहा कि जब एनोफिलीज मच्छर काटती है, तो लक्षण 10 से 15 दिनों के अंदर नजर आते हैं। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी आदि शामिल हैं। यदि मलेरिया का इलाज तुरंत न कराया गया, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है, क्योंकि इस रोग में शरीर के महत्वपूर्ण अंगों तक रक्त आपूर्ति नहीं हो पाती। बुखार को कम करने के लिए पैरासिटामोल (क्रोसिन) का सेवन कर सकते हैं, लेकिन दो दिन से ज्यादा तेज बुखार रहे, तो डॉक्टर से तुरंत मिलें। खुद से दूसरी कोई दवा ना लें। प्रो. वर्मा ने कहा कि मलेरिया से बचने का तरीका है कि हमेशा मच्छरदानी में सोए और आसपास गंदा पानी नही जमा होने दे। इसके अलावा बच्चों को गंदगी से दूर रखें। अगर आपके अंदर ऐसे लक्षण हैं तो योग चिकित्सक से अभी संपर्क करें। कुनैन की गोली भी इसमें फायदेमंद साबित होती है। गर्भवती महिलाओं को मलेरिया से बचकर रहना चाहिए। मरीज को सूखे और गरम स्थान पर आराम करने दे। उन्होंने बताया के इससे बचने के लिए हमें अपने आस पास सफाई रखनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 4 5 सालों में सिरसा जिले में मलेरिया के मरीजों में कमी आई है, जिस का कारण स्वच्छता अभियान है। अंत में यूथ रेड क्रॉस यूनिट के इंचार्ज डॉ कंवलजीत कौर द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया।

इस अवसर पर जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय समूचे स्टॉफ सदस्य के अलावा विद्यार्थीगण व अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।

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