‘Umang Vasantotsav’ celebration

जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में ‘उमंग वसंतोत्सव’ का आयोजन, कलाकारों ने शानदार गायन से बंधा समा।
 
सिरसा, 5 फरवरी 2022: जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में बसंत पंचमी के पावन अवसर पर ‘उमंग वसंतोत्सव’ नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कला को समर्पित इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक और संगीतमय प्रस्तुतियां दी गई, इस कार्यक्रम में संयोजक की भूमिका शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जयप्रकाश ने निभाई एवं मुख्य अतिथि के रुप में जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ शमीम शर्मा शामिल हुई।
 
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ जयप्रकाश ने आए हुए सभी मेहमानों का स्वागत व मुख्य अतिथि का अभिवादन किया, जिसके पश्चात विधिवत रूप से दीप प्रज्वलित कर मां सरस्वती पूजन किया गया। इस दौरान सभी कॉलेजों के प्रचारयगण डॉक्टर दिनेश गुप्ता ,डॉ कुलदीप सिंह ,डॉक्टर अनुपमा सेतिया, डॉक्टर अरिंदम सरकार, डॉ शिखा गोयल, डॉक्टर राजेश्वर चावला एवं जेसीडी विद्या पीठ के रजिस्ट्रार श्री सुधांशु गुप्ता मौजूद रहे।
 
कला और विद्या की देवी मां सरस्वती को समर्पित इस कार्यक्रम में जेसीडी के म्यूजिक क्लब सारंग की तरफ से विभिन्न गायन विधाएं प्रस्तुत की गई जिनकी रूपरेखा संगीत विभाग के एचओडी डॉ अनिल शर्मा ,अंतरिक्ष शर्मा व अनिल कुमार द्वारा तैयार की गई। इस विशेष कार्यक्रम में जेसीडी विद्यापीठ के विद्यार्थियों के अलावा अलग-अलग जगह से आए अन्य कलाकारों ने भी क्लासिकल व फोक गायन द्वारा समा बांध दिया। बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों एवं कलाकारों को सम्मानित भी किया गया।
 
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई डॉक्टर शमीम शर्मा ने  सभी को बसंत पंचमी की बधाई देते हुए सभी के उज्जवल और निरोग जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि सभी ऋतु में बसंत को सबसे खूबसूरत ऋतु माना जाता है इस दिन पेड़ पौधे नई रंगत में लौटते हैं जो की नई शुरुआत का प्रतीक हैं। बसंत पंचमी शिक्षा और कला से जुड़े लोगों के लिए इसलिए विशेष अहमियत रखती है क्योंकि यह दिन ज्ञान और शिक्षा की देवी मां सरस्वती से जुड़ा हुआ है। उन्होंने पौराणिक कथाओं का जिक्र करते हुए कहा कि देखा जाए तो बसंत पंचमी ही दुनिया के सृजन का दिन माना जाता है क्योंकि मां सरस्वती ने जैसे ही वीणा को स्पर्श किया तो इस दुनिया की सभी चीजों में स्वर और लय आ गई, यही कारण है कि कला जगत के लोग मां सरस्वती को सर्वोच्च मानते हैं, और शिक्षा के जगत में भी मां सरस्वती की आराधना के बिना कोई भी कार्य शुरू नहीं किया जाता।
 
इस कार्यक्रम के संयोजक और शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जयप्रकाश ने अपने संबोधन में कहा कि आज विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की आराधना का दिन है हम सबको उनसे विवेक की कामना करनी चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही बसंत ऋतु की चर्चा करते हुए कहा कि इस दिन इंसानों के साथ साथ सभी पशु ,पक्षियों और पौधों में नव चेतना का संचार होता है, यही कारण है कि इस त्यौहार को चेतना के प्रतीक पीले रंग के साथ जोड़ा जाता है। अंत में उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल हुए सभी विद्यार्थियों , प्राध्यापकों और प्राचार्यों को इस पावन दिवस की शुभकामनाएं दी और इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया।
 
इस कार्यक्रम में जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के अलावा अन्य कॉलेजों के विद्यार्थी एवं प्राध्यापकों ने भी भाग लिया एवं करोना नियमों का पालन करते हुए कार्यक्रम का आनंद लिया।
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