Slogan writing competition organized on World Day Against Child Labour
बाल श्रम बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास को करता है बाधित: डॉ. ढींडसा
जेसीडी में विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन।
सिरसा, 12 जून 2024: जेसीडी विद्यापीठ के शिक्षण महाविद्यालय में विश्व बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर एक नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने शिरकत की, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जय प्रकाश द्वारा की गई। इस अवसर पर “बचपन है अनमोल… इसे शिक्षा, खेल, नादानियों में बिताना है, बाल मजदूरी के खिलाफ हम सबको मिलकर आवाज उठाना है” का संदेश भी दिया गया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने बाल श्रम के विरोध में अपने-अपने विचारों को स्लोगन के माध्यम से प्रस्तुत किया। इन स्लोगनों में बच्चों ने रंग-बिरंगे चित्रों और सन्देशों के माध्यम से बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता फैलाने का प्रयास किया।
मुख्य अतिथि डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने अपने उद्बोधन में कहा, बाल श्रम हमारे समाज के लिए एक गंभीर चुनौती है जो बच्चों के बचपन, उनके स्वास्थ्य और उनकी शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। जब बच्चे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए काम करने पर मजबूर होते हैं, तो वे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, जिससे उनके भविष्य की संभावनाएं सीमित हो जाती हैं। बाल श्रम बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है, क्योंकि वे खतरनाक और अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में काम करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, वे बीमारियों और चोटों का शिकार हो सकते हैं। बाल श्रम के उन्मूलन के लिए सरकार, समाज और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर काम करना होगा। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार और स्वस्थ वातावरण मिले ताकि वे अपने पूर्ण क्षमता के साथ विकसित हो सकें। बाल श्रम के खिलाफ सख्त कानून और जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है।
हमें मिलकर इस सामाजिक बुराई का अंत करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चे को उसके अधिकार मिलें। बच्चों को उनका बचपन वापस दिलाना हमारी जिम्मेदारी है।”
डॉ. जय प्रकाश ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, “बच्चों का अधिकार है कि वे शिक्षा प्राप्त करें, खेलें और अपने बचपन का आनंद लें। हमें इस अधिकार की रक्षा के लिए बाल श्रम के खिलाफ कड़ा कदम उठाना होगा। हमारे इस छोटे से प्रयास से ही समाज में बड़ा बदलाव आ सकता है।”
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने पोस्टरों के माध्यम से बाल श्रम के दुष्प्रभावों और इसके खिलाफ लड़ने के तरीकों को रेखांकित किया। इस अवसर पर आयोजित नारा लेखन प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी कला के माध्यम से बाल श्रम निषेध के संदेश को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। कुछ प्रमुख लेखन में दर्शाए गए संदेशों ने दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा और डॉ. जय प्रकाश ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि इन बच्चों की सोच और प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं और यही हमारे समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। अंत में सभी ने बाल श्रम को समाप्त करने के लिए एकजुट होकर कार्य करने की शपथ ली। इस अवसर पर कॉलेज की लाइब्रेरियन अमृत कौर, परमजीत कौर, संतलाल के इलावा अन्य प्राध्यापक, छात्र-छात्राएँ, और कर्मचारीगण भी उपस्थित थे।