Seven days First Aid and Home Nursing Training
जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में सात दिवसीय प्राथमिक सहायता एवं होम नर्सिंग टे्रनिंग का शुभारंभ
प्राथमिक चिकित्सा कभी-कभी यह जीवन रक्षक भी सिद्ध होता है: गुरमीत सिंह सैनी
सिरसा 22 मार्च 2022: जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित शिक्षण महाविद्यालय के सभागार में जिला रेडक्रॉस सोसायटी व कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय प्राथमिक सहायता एवं होम नर्सिंग ट्रेनिंग कैंप का विधिवत शुभारंभ किया गया, जिसमें प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश व रेडक्रॉस सोसायटी से जिला प्रशिक्षण अधिकारी श्री गुरमीत सिंह सैनी एवं श्री राजेन्द्र कुमार द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
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First Aid and Home Nursing Training – 22/03/2022See images »
प्राचार्य डॉ0 जयप्रकाश ने इस ट्रेनिंग के लिए जिला प्रशिक्षण अधिकारी गुरमीत सिंह सैनी एवं श्री राजेन्द्र कुमार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की जानकारी विद्यार्थियों के लिए अतिआवश्यक है क्योंकि आज प्रत्येक व्यक्ति जल्दबाजी में किसी समय भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। उन्होंने बी.एड. जनरल, बी.एड. स्पैशल व एम.एड. के विद्यार्थियों को कहा कि आप सभी भावी शिक्षक हो और निकट भविष्य में विभिन्न स्कूलों में प्राथमिक सहायता से सम्बन्धित जानकारी प्रदान करके जीवन बचाव के लिए जागरूकता लाने में एक कड़ी का काम कर सकते हो। उन्होंने जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा एवं प्रबंधन समिति का भी समय-समय पर ऐसे आयोजनों हेतु हरसंभव सहायता प्रदान करने एवं प्रेरित करने के लिए आभार प्रकट किया।
इस मौके पर गुरमीत सिंह सैनी ने विद्यार्थियों को प्राथमिक सहायता की ट्रेनिंग की आवश्यकता एवं महत्व बारे जानकारी देते हुए बताया कि प्राथमिक सहायता ऐसा ज्ञान है जो एक डाक्टर के समकक्ष तो नहीं है परंतु एक घायल व्यक्ति के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है, अगर उसे समय पर सहायता प्रदान कर दी जाए। उन्होंने कहा कि किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो। अतः प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षित या अप्रशिक्षित व्यक्तिओं द्वारा कम से कम साधनों में किया गया सरल उपचार है। कभी-कभी यह जीवन रक्षक भी सिद्ध होता है।
श्री सैनी ने बताया कि अधिकतर लोग शीघ्रता के कारण नियमों को ताक पर रखते हुए कानून की पालना नहीं करते हैं, जिससे हड़बड़ाहट में हादसे का शिकार हो जाते हैं, ऐसे में यदि घायल व्यक्ति की हालत को समय रहते संभाल लिया जाए तो उसकी जान को बचाया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को श्वांस प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति को श्वासनलिका में रूकावट पैदा होने से सांस नहीं आ रहा हो तो समय रहते अगर उसे बनावटी सांस दे दिया जाए तो रोगी के बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सकता है। उन्होंने डमी के ऊपर इसका प्रयोग करके तथा विद्यार्थियों से स्वयं करवाकर उन्हें सिखाया। वहीं उन्होंने इस दौरान विद्यार्थियों को दुर्घटना का शिकार व्यक्ति को स्ट्रेक्चर पर लादना तथा उतारना व अन्य प्राथमिक उपचारों की भी जानकारी दी।
श्री राजेन्द्र कुमार ने बताया कि जैसे सांप व मधुमक्खी के काटने, जहरीली दवा खा लेने, बिजली के संपर्क में आने, डूबते व्यक्ति को कैसे बचाना है, होम नर्सिंग के कार्य के बारे में बताया गया। एक होम नर्स ने घर पर मरीज का किस प्रकार ध्यान रखना चाहिए उसकी सफाई के बारे में बेडशीट चेंज करने के बारे में बताया गया। होम नर्स सही उपचार करे तो रोगी जल्द ठीक होता है, क्योंकि रोगी को सही समय पर सही दवाई देने से उसकी जान बच सकती है और वह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
इस मौके पर जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के सभी स्टाफ सदस्य, विद्यार्थीगण एवं अन्य अनेक गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को कॉलेज की तरफ से स्मृति चिह्न प्रदान करके सम्मानित किया गया।