Celebration of Shahidi Divas
शहीदों का आजादी के प्रति जुनून आज भी देता है युवाओं को प्रेरणा : ढींडसा
सिरसा 23 मार्च, 2024: जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा में स्थित शिक्षण महाविद्यालय में शहीदी दिवस पर शहिदों को श्रद्धांजलि दी गई। जननायक चौ. देवीलाल शिक्षण महाविद्यालय, सिरसा के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने बताया कि शहीदी दिवस पर महाविद्यालय परिसर में शहिदों को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के हिन्दी क्लब के सौजन्य से एक निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि 23 मार्च 1931 को आजादी की लड़ाई में शामिल क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी। अंग्रेजों ने सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने पर उन्हें फांसी की सजा सुनाई और भारतीयों के आक्रोश के डर के कारण तय तारीख से एक दिन पहले गुपचुप तरीके से तीनों को फांसी पर लटका दिया। अमर शहीदों के बलिदान को याद करते हुए हम शहीद दिवस मनाते हैं। इस अवसर आजादी की लड़ाई में अपनी जान कुर्बान करने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. ढींडसा ने अपने संदेश में विद्यार्थियों को संदेश दिया कि शहिदों के जीवन ने अनगिनत युवाओं को प्रेरित किया और उनकी मृत्यु ने इन्हें एक मिसाल के रूप में कायम किया है। शहीद स्वतंत्रता सेनानियों ने आज़ादी के लिये अपना रास्ता खुद बनाया और वीरता के साथ राष्ट्र हेतु कुछ करने की अपनी इच्छा को पूरा किया। सभी शहीद भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि आज देश मातृभूमि के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले भारत माता के महान सपूत शहीद-ए-आजम शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु को नमन कर रहा है। ये तीनों आजादी के गीत गाते हुए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए। इनका शौर्य और मातृभूमि की आजादी के प्रति साहस सभी युवाओं को आज भी प्रेरणा देता है। देश की आजादी की लड़ाई में इन महान स्वंतत्रता सेनानियों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि शहीदों का आजादी के प्रति जुनून आज भी युवाओं को प्रेरणा देता है।
डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि वैसे तो स्वतंत्रता आंदोलन में कई सेनानी हुए लेकिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की कुर्बानी भुलाए नहीं भूलती। भगत सिंह के विचार और व्यक्तित्व आज भी युवाओं को प्रेरणा देते हैं। भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव भारत मां के वे सच्चे सपूत थे, जिन्होंने अपनी देशभक्ति और देशप्रेम को अपने प्राणों से भी अधिक महत्व दिया और मातृभूमि के लिए प्राण न्योछावर कर गए।
इस प्रतियोगिता का आयोजन हिन्दी क्लब के प्रभारी डॉ. रमेश कुमार के नेतृत्व में करवा गया।निबंध लेखन प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल ने प्रथम स्थान बीएड प्रथम वर्ष की सामान्य की छात्रा प्रिया और द्वितीय स्थान पूनम वअनीशा ने तथा तीसरा स्थान गुरप्रीत कौर और रितु ने संयुक्त रूप से दिया ।
इस अवसर पर विजेता प्रतिभागियों को प्राचार्य डॉक्टर कई प्रकाश द्वारा पुरस्कृत किया गया। निबंध लेखन प्रतियोगिता के अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डॉक्टर सुषमा हुड्डा, डॉक्टर कंवलजीत कौर, डॉक्टर निशा और प्रीति एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।