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Valedictory of CRE Programme
दो दिवसीय राष्ट्रीय सतत् पुनर्वास शिक्षा (सीआरई) कार्यक्रम का विधिवत् समापन
सीखने के लिए यूडीएल को लागू करना समावेशी शिक्षा का समर्थन करता है:- डॉ. रोहताश
यूडीएल सभी छात्रों के लिए सीखने का समान अवसर देने का एक तरीका है:- डॉ. जयप्रकाश
सिरसा 22 फरवरी, 2025, : जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा में स्थित जननायक चौ. देवीलाल शिक्षण महाविद्यालय में भारतीय पुनर्वास परिषद् ,नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित दो दिवसीय राष्ट्रीय सतत् पुनर्वास शिक्षा (सीआरई) कार्यक्रम “यूडीएल और समावेशी शिक्षा में इसकी प्रासंगिकता” का विधिवत् समापन किया गया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉ. रोहताश थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यापीठ के महानिदेशक डॉ. जयप्रकाश द्वारा की गई। इस अवसर पर विद्यापीठ के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यगण, डॉ. वरिन्दर सिंह, डॉ. मोहित कुमार , डॉ. हरलीन कौर, डॉ. शिखा गोयल, रिसोर्स पर्सन मि. राजपवन, डॉ. सुशील कुमार, मि. मदनलाल, अनुराधा, लवलीन शर्मा, शिक्षण महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. रमेश कुमार, डॉ. सतनारायण, डॉ. सुषमा रानी , डॉ. कंवलजीत कौर, डॉ. निशा , बलविंद्र कुमार, प्रति नारा, शालिनी, कुलदीप गोदारा, सुरज कुमार सहित सभी प्रतिभागी एवं महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. जयप्रकाश ने आएं हुए अतिथियों का स्वागत किया और अपने संबोधन में कहा कि समावेशी शिक्षा में यूनिवर्सल डिज़ाइन फ़ॉर लर्निंग का इस्तेमाल होता है। यूडीएल सभी छात्रों के लिए सीखने का समान अवसर देने का एक तरीका है। यह पाठ्यक्रम विकास के सिद्धांतों का एक समूह है। यूनिवर्सल डिज़ाइन फ़ॉर लर्निंग के ज़रिए, शैक्षिक बाधाओं को दूर किया जाता है और व्यक्तिगत सीखने को बढ़ावा दिया जाता है। यूडीएल का एक अनिवार्य पहलू पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया में बाधाओं की पहचान करना और उचित समर्थन डिजाइन करके उन बाधाओं को कम करना या खत्म करना है। हम नियमित रूप से पाठ्यक्रम संसाधनों का उपयोग करते हैं, पाठों को डिजाइन करते हैं, और विभिन्न शिक्षण गतिविधियों को विकसित और कार्यान्वित करते हैं।
मुख्य अतिथि डॉ. रोहताश ने अपने संबोधन में कहा कि समावेशी शिक्षा प्रणाली को डिजाइन करते समय यूडीएल एक महत्त्वपूर्ण विचार है क्योंकि यह “संपूर्ण व्यक्ति दृष्टिकोण” और सीखने के अनुकूल वातावरण का समर्थन करता है। लेकिन यूडीएल अकेले समावेशी नीति या प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। यूडीएल में एक सफल बॉटम-अप हस्तक्षेप होने की क्षमता है, जो परिवारों और समुदायों द्वारा उचित रूप से समर्थित होने पर, पारंपरिक शिक्षा प्रणालियों याद करने पर केंद्रित से समावेशी शिक्षा प्रणालियों सीखने के लिए सीखना में बदलाव को सक्रिय करता है। यूनिवर्सल डिज़ाइन फ़ॉर लर्निंग एक शैक्षिक ढाँचा है जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार की ज़रूरतों और क्षमताओं वाले छात्रों के लिए सीखने को सुलभ बनाना है। विकलांग लोगों के लिए स्थान, सामग्री और सीखने की गतिविधियों को सुलभ बनाने पर ध्यान केंद्रित करके, यूडीएल सभी शिक्षार्थियों को लाभान्वित कर सकता है ।सीआरई के समन्वयक डॉ. राजपवन ने दो दिवसीय कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
समारोह के अन्त में कार्यक्रम के सह-समन्वयक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने आएं हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।