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CRE programme | JCD PG College of Education

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जेसीडी में दो दिवसीय सतत् पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम का हुआ विधिवत शुभारंभ

यूडीएल सभी छात्रों के अनुभवों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है:- प्रो. राजकुमार

दिव्यांगों के प्रति समाज के दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाने की जरूरत:- डॉ. जयप्रकाश

सिरसा 19 फरवरी, 2025, : जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा में स्थित जननायक चौ. देवीलाल शिक्षण महाविद्यालय के सभागार कक्ष में आरसीआई, नई दिल्ली के सौजन्य से दो दिवसीय राज्य स्तरीय सीआरई प्रोग्राम “यूडीएल और समावेशी शिक्षा में इसकी प्रासंगिकता” का विधिवत् उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के शिक्षा विभाग के प्रोफेसर राजकुमार ने शिरकत की एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यापीठ के महानिदेशक डॉ. जयप्रकाश ने की।

कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. जयप्रकाश ने आएं हुए अतिथियों का स्वागत किया और दो दिवसीय राज्य स्तरीय सीआरई प्रोग्राम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के 150 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुनर्वास शिक्षा एक आवश्यक और सामाजिक जिम्मेदारी है और इसमें निरंतर सुधार की आवश्यकता होती है। सतत् पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम के शैक्षिक प्रक्रियाएं हैं जिसमें पुनर्वास पेशेवरों को उनके क्षेत्र में अपनी ज्ञान, कला, कौशल और अभ्यास को सुधारने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने यूडीएल के तीन सिद्धांतों पर चर्चा की। डॉ. जयप्रकाश ने कहा कि हम 21 वीं सदी में पहुंच चुके हैं, तब भी दिव्यांगों की स्थिति में कुछ खास बदलाव नहीं हुए हैं। आज दिव्यांगों के प्रति समाज के दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता हैं। दिव्यांगों के प्रति समाज का दृष्टिकोण अब पहले से बेहतर हो रहा है। हालांकि, अभी भी समाज में दिव्यांगों के प्रति भेदभाव और नकारात्मक सोच की जड़ें मौजूद हैं।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजकुमार ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यूडीएल की जानकारी विशेष अध्यापकों के साथ-साथ सामान्य अध्यापकों को जानकारी होना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आरसीआई को चाहिए कि कम से कम एक कार्यक्रम जीवन में सामान्य अध्यापकों के लिए आवश्यक होना चाहिए। जिससे वे सामान्य बच्चों के साथ विशेष बच्चों को सीखा सकें। यूडीएल सभी छात्रों के अनुभवों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। यूडीएल छात्रों को सामग्री तक पहुंचने, उससे जुड़ने, और जो वे जानते हैं उसे दिखाने के तरीकों में लचीलापन देता है। यह विकलांग छात्रों, विविध सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्रों, परिपक्व छात्रों, और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए सीखने के अनुभव और परिणामों को बेहतर बनाने में मदद करता है।

उद्घाटन समारोह के अन्त में कार्यक्रम के सह-समन्वयक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने आएं हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।

इस अवसर पर विद्यापीठ के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यगण, डॉक्टर वरिन्दर सिंह, डॉक्टर मोहित कुमार , डॉक्टर हरलीन कौर, डॉक्टर शिखा गोयल रिसोर्स पर्सन मि. राजपवन, , डॉ. पवन कुमार, मि. मदनलाल, अनुराधा, लवलीन शिक्षण महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. राजेंद्र कुमार, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. सतनारायण, डॉ. सुषमा रानी, डॉ. कंवलजीत कौर, डॉ. निशा , बलविंद्र कुमार, प्रति नारा, शालिनी, सभी प्रतिभागी एवं महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे।

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