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Celebration of International Disability Day | JCD PG College of Education
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Celebration of International Disability Day

दिव्यांग बच्चे होते हैं सबसे अधिक संवेदनशील:- डॉ. ढींडसा

सिरसा 5 दिसम्बर, 2023: जेसीडी विद्यापीठ, सिरसा में स्थित जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के रिहैबिलिटेशन सेंटर के सौजन्य से विश्व विकलांग दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा थे और विशिष्ट अतिथि रेडक्रॉस सोसाइटी के सेक्रेटरी लाल बहादुर बेनीवाल तथा अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर जय प्रकाश द्वारा की गई। इस अवसर पर रेड क्रॉस से असिस्टेंट सेक्रेटरी गुरमीत सैनी , मदनलाल बेनीवाल , राजपवन, अनुराधा ठाकुर सहित सभी प्राध्यापकगण उपस्थित थे।

प्राचार्य डा. जयप्रकाश ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1981 को ‘विकलांगजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय वर्ष’ घोषित किया था। उसके बाद 1983-92 के दशक को को ‘विकलांगजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय दशक’ घोषित किया गया। इस दिवस को मनाने का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य अशक्त जनों की अक्षमता के मुद्दों को लेकर समाज में लोगों की जागरूकता, समझ और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है।विकलांग जनों के आत्म-सम्मान,कल्याण और आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी सहायता करना।आधुनिक समाज में अशक्त जनों के साथ हो रहे हर प्रकार के भेद-भाव को समाप्त करना। डॉक्टर जय प्रकाश ने कहा कि कोई भी दिव्यांग कमजोर नहीं होता अगर भगवान ने कोई कमी दी है तो उनके लिए कोई दूसरा रास्ता भी जरूर दिया होगा।

मुख्य अतिथि डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विकलांगता के शिकार बच्चे सबसे अधिक संवेदनशील समूह के होते हैं और उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है विकलांग बच्चों की देखभाल, सुरक्षा के अधिकार को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। गरिमा तथा समानता के लिए विकास के अधिकार को सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि एक सक्षम वातावरण का निर्माण किया जाएं जहां विक्लांग बच्चे अपने अधिकार की पूर्ति कर सकें और विभिन्न कानूनों के अनुरूप समान अवसरों का लाभ उठाकर पूर्ण भागीदारी प्रदर्शित कर सकें। उन्होनें कहा कि दिव्यांग का मदलब जिसको भगवान ने दिव्य अंग दिया हो। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का दिव्यांग के लिए संदेश है कि उन्हें उस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिसमें वे अच्छे हैं । उन्हें इनका सर्वोत्तम उपयोग करना चाहिए और ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए। उन्हें ऐसी कोई भी चीज़ हासिल करने से बचना चाहिए जो उनके लिए असंभव हो।

डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार विश्व की 15.3% आबादी किसी न किसी प्रकार की अशक्तता से पीड़ित है। इस प्रकार यह विश्व का सबसे बड़ा ‘अदृश्य अल्पसंख्यक समूह’ है। विश्व में निर्धन लोगों की श्रेणी में गिने जाने वाले कुल लोगों में से लगभग 20% विकलांगता से पीड़ित हैं। निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले अशक्त जनों में से मात्र 5-15% लोगों की ही सहायक उपकरणों और तकनीकों तक पहुँच है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या का मात्र 2.21% ही विकलांगता से पीड़ित है। भारत में अशक्त जनों की इस कम संख्या का कारण भारतीय समाज में विकलांगता को छिपाने की प्रवृत्ति को माना जा सकता है। इसलिये, विकलांगजनों की वास्तविक स्थिति के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये इस उत्सव को मनाना बहुत आवश्यक है।

कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथिगण को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। रेड क्रॉस की तरफ से दिव्यांग बच्चों के लिए दो व्हीलचेयर और बैसाखी भेंट की गई।

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