Eye Check up camp on World Red cross day
जेसीडी विद्यापीठ में नेत्र जांच शिविर से किया सामाजिक कार्यों का आगाज ।
ग्लूकोमा भारत में अंधेपन का तीसरा प्रमुख कारण : प्रोफेसर ढींडसा
सिरसा 9 मई 2023 : जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट दिवस पर कॉलेज की रेड क्रॉस यूनिट एवं विजन स्प्रिंग फाउंडेशन के सौजन्य से एक विशाल नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा थे । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. जय प्रकाश द्वारा की गई जबकि विशिष्ट अतिथि सीनियर रोटरी क्लब के जिला गवर्नर भूपेश मेहता एवं जेसीडी विद्यापीठ के कुलसचिव डॉक्टर सुधांशु गुप्ता थे । इस कैंप का उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा रिबन काटकर एवं मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके की गई । सर्वप्रथम प्राचार्य डॉ जयप्रकाश द्वारा मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि आंखों की नियमित जांच महत्वपूर्ण है क्योंकि आपकी दृष्टि ठीक होने से दैनिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
इस अवसर पर जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा ने कहा कि चौ. देवीलाल जी ने स्वप्र देखा था कि पिछड़े हुए सिरसा जिला के लोगों को एक ही प्रांगण में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करवाई जाएं जिसे साकार करने के लिए जेसीडी विद्यापीठ सदैव प्रयासरत्त है। उन्होंने इस कैम्प में नोएडा से पधारे विजन स्प्रिंग फाउंडेशन के स्टाफ का स्वागत करते हुए कहा कि यह कैम्प सिरसा वासियों एवं इसके आसपास के आंखों की जांच करवाने वालों के लिए काफी लाभदायक साबित हुआ है क्योंकि जो व्यक्ति डॉक्टर के पास जाकर अपनी आंखों की जांच नहीं करवा सकते थे उन्हें यह सुविधा उन्हें अपने ही संस्थान में उपलब्ध करवा दी गई । उन्होंने कहा कि हम निकट भविष्य में भी इस प्रकार के कैम्पों का आयोजन अपने संस्थान में करवाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 40 मिलियन व्यक्तियों या प्रत्येक 8वें व्यक्ति को ग्लूकोमा है या इसके विकसित होने का खतरा है। अध्ययनों से पता चलता है कि ग्लूकोमा भारत में अंधेपन का तीसरा प्रमुख कारण है। देश के अंधेपन के 12.8 प्रतिशत के लिए 12 मिलियन लोग प्रभावित हैं। सामान्य तौर पर एक औसत व्यक्ति को अपने जीवनकाल में ग्लूकोमा विकसित होने का 2.3% जोखिम होता है। भारत में 50-80% द्विपक्षीय दृष्टिहीनता के लिए मोतियाबिंद जिम्मेदार बताया गया है। डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि अपनी आँखों की जाँच करवाने के लिए हर दो साल में कम से कम एक बार नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जरूर जाएँ। ग्लूकोमा के शुरुआती लक्षणों का आमतौर पर नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा आंखों की जांच के दौरान पता लगाया जा सकता है। टोनोमेट्री, ऑप्थेल्मोस्कोपी और पेरिमेट्री बढ़े हुए आंखों के दबाव को मापने के लिए , ऑप्टिक नर्व डैमेज और दृष्टि हानि का पता लगाने के लिए सरल परीक्षण हैं। इस अवसर पर भूपेश मेहता ने अपने संबोधन में सीनियर रोटरी क्लब की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस कैंप में जेसीडी विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के प्प्राचार्यगण डॉ. अरिंदम सरकार , डॉ. अनुपमा सेतिया, डॉ. शिखा गोयल, डॉ. हरलीन कौर ,डेंटल कॉलेज के निदेशक डॉ. राजेश्वर चावला के इलावा रैड क्रॉस सोसायटी इंचार्ज डॉ. कंवलजीत कौर , रोटरी क्लब के प्रधान राजेश फुटेला, प्रोजेक्ट चेयरमैन देवेंद्र मिगलानी ,सचिव डॉक्टर राजेंद्र कुमार ,राजकुमार मेहता ,विष्णु सिंगला रानिया,प्रेम सैनी, रोहन सरोहा ,पुष्पेंद्र यादव ,आशीष चौधरी सहित मौजूद थे । इस कैम्प में जेसीडी विद्यापीठ के 110 स्टूडेंट्स और स्टाफ द्वारा अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर अपनी आखों की जांच करवाई। जिसमें से 57 नेत्र जांच करवाने वालों को चश्मा प्रदान किया गया। अंत में प्रोफेसर डॉ राजेंद्र कुमार ने सभी का धन्यवाद किया।