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Seminar on Health well being and Sports | JCD PG College of Education

Seminar on Health well being and Sports

जेसीडी विद्यापीठ में ‘स्वास्थ्य, भलाई और खेल: युवाओं के लिए एजेंडा ‘ विषय पर एक सेमिनार का हुआ आयोजन।
युवाओं की सेहत और उनकी बेहतरी पर देना होगा विशेष ध्यान : प्रो. कुलदीप सिंह ढींडसा

सिरसा 26 अप्रैल 2023: जेसीडी विद्यापीठ, सिरसा के शिक्षण महाविद्यालय के सभागार कक्ष में केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय व ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की यूथ विंग के सौजन्य से ‘स्वास्थ्य, भलाई और खेल: युवाओं के लिए एजेंडा ‘ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा और कार्यक्रम की अध्यक्षता बहन बी. के. बिन्दु एवं मुख्य वक्ता के रूप में इंटरनेशनल मेंटल वेलनेस कोच व राज योग मेडिटेशन ट्रेनर भाई बी के कमल उपस्थित थे। इस अवसर पर विजय चुघ, साधना ,जेसीडी विद्यापीठ के रजिस्ट्रार डॉक्टर सुधांशु गुप्ता, सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य डॉ. जय प्रकाश ,डॉ. राजेश्वर चावला डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता, , डॉ. अनुपमा सेतिया, डॉ. शिखा गोयल, डॉ हरलीन कौर के इलावा अन्य अधिकारीगण व अन्य गणमान्य अतिथियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया। सर्वप्रथम प्राचार्य डॉ. जय प्रकाश ने आएं हुए अतिथियों का स्वागत एवं परिचय देते हुए कहा कि Y-20 के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रमो का उद्देश्य देशभर के युवाओं को एक साथ लाना, बेहतर कल के लिए विचारों पर विमर्श करना और काम के लिए एक एजेंडा तैयार करना है। भारत की G-20 की अध्यक्षता के दौरान Y-20 द्वारा की जाने वाली गतिविधियां वैश्विक युवा नेतृत्व और साझेदारी पर केंद्रित होंगे।

मुख्यातिथि डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने संबोधन में कहा कि ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय ध्यान का एक रूप सिखाती हैं जिसके माध्यम से छात्रों को अपने मन को शुद्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह शांति से बैठकर, फिर आत्मा की शाश्वत प्रकृति, अपनी प्रकृति की मूल शुद्धता और ईश्वर की प्रकृति के बारे में पुष्टि करके किया जा सकता है। ध्यान का उद्देश्य रोज़मर्रा के जीवन में व्यस्त रहते हुए ध्यान की अवस्थाओं को बनाए रखना सीखना भी है। इसी कारण से ध्यान आमतौर पर खुली आँखों से सिखाया और अभ्यास किया जाता है। उन्होंने कहा कि युवाओं की सेहत और उनकी बेहतरी पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि युवा ही पूरी दुनिया में टिकाऊ विकास के अगुवा हैं. इसके लिए सबका सशक्तिकरण सुनिश्चित करना होगा, जो समाज के सभी वर्गों की समावेशी साझेदारी और सभी क्षेत्रों के बीच उचित समन्वय से ही हासिल किया जा सकता है.

मुख्य वक्ता भाई बी के कमल ने उपस्थित छात्रों को संबोधन करते हुए कहा कि मनुष्य को पांच बातों पर विशेषकर स्वयं का धन्यवाद, दूसरों को दोष न देना व शिकायत न होना, लेग पूलिंग न करना , शुक्रिया आदि बातें सुखी जीवन के लिए अपनानी चाहिए। ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय भगवान को संदर्भित करने के लिए “परम आत्मा” शब्द का उपयोग करती हैं। वे ईश्वर को निराकार और शाश्वत के रूप में देखते हैं, और उन्हें मानव आत्माओं की तरह जीवित प्रकाश बिंदु के रूप में देखते हैं, लेकिन भौतिक शरीर के बिना, क्योंकि वह जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र में प्रवेश नहीं करते हैं। ईश्वर को सभी गुणों, शक्तियों और मूल्यों के पूर्ण और निरंतर अवतार के रूप में देखा जाता है और वह सभी आत्माओं का बिना शर्त प्यार करने वाला पिता है, चाहे उनका धर्म, लिंग या संस्कृति कुछ भी हो।

बहन बी. के. बिन्दु ने उपस्थित छात्रों को संबोधन करते हुए कहा कि इस समय जब मनुष्य अपनी आत्मा को भूल गए हैं, जिसके कारण दुनिया में अधर्म, विकार और अज्ञान हैं , व मनुष्य नैतिक रूप से गिर गए हैं , परमपिता परमात्मा आया है हमें याद दिलाने, पढ़ाने और फिर से उसी दुनिया की स्थापना करने जो 4000 वर्ष पहले इस धरा पर थी जिसे हम आज भी स्वर्ग कहते हैं। वर्तमान समय वही संगमयुग हैं , अर्थात कल्प का वह समय हैं जो कलियुग के अंत व सतयुग के आरंभ में आता हैं। इस समय ही स्वयं शिव बाबा (भगवान) हमारा शिक्षक बनता हैं। इसलिए यह संस्था ईश्वरीय विश्व विद्यालय नाम से जानी जाती हैं। हम स्टूडेंट्स स्वयं परमपिता परमात्मा के द्वारा ज्ञान व् गुणों को धारण कर रहे हैं।

कार्यक्रम के अन्त में बच्चों द्वारा नशा मुक्ति के तहत एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई। महाविद्यालय के प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार ने आएं हुए अतिथियों का धन्यवाद किया।

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